एक बार रात को...*नज़्म* 13/mar/2019
*नज़्म*
एक बार रात को
एक बार रात को
सोया हुआ था मैं
तो बंद आँखों की
दुनिया में खोया हुआ था मैं
कुछ लोग है
जो मेरे साथ है
और कुछ खिलाफ है
फिर होता किया है
सपनों यानी बंद आँखों की
दुनिया में खोया हुआ था मैं
मैं असल ज़िन्दगी की तरह ही
भाग रहा हूँ जैसे मेरे से
किसी रेस हो लगी
जैसे असल दुनिया में है लगी
रेस है शुरू दौड़ते है हम
पर ऐसा लगता है जैसे कमज़ोर पड़ गए है हम
भाग तो रहे मगर
रेस के हारने का डर
लगा हुआ है क्यूंकि
हम तेज़ रफ्तार करते है
तो लगता रफ्तार बढ़ ही नहीं रही
जैसे असल दुनिया में नहीं बढ़ रही
लगता है ऐसा उसी खाब में
और चंद लम्हात में आँखें
खुल ही जाती है मेरी
जैसे असल दुनिया में
चंद लम्हात में बंद हो जाती है आँखें
ज़िन्दगी पूरी होते होते ही
पर यह एक सपना है
जो कह दिया सभी को
एक बार रात को
सोया हुआ था मैं
सोया हुआ था मैं |
मेरी कलम से...
सुहैल अनवर
https://iamsuhailanwar.wordpress.com
एक बार रात को
एक बार रात को
सोया हुआ था मैं
तो बंद आँखों की
दुनिया में खोया हुआ था मैं
कुछ लोग है
जो मेरे साथ है
और कुछ खिलाफ है
फिर होता किया है
सपनों यानी बंद आँखों की
दुनिया में खोया हुआ था मैं
मैं असल ज़िन्दगी की तरह ही
भाग रहा हूँ जैसे मेरे से
किसी रेस हो लगी
जैसे असल दुनिया में है लगी
रेस है शुरू दौड़ते है हम
पर ऐसा लगता है जैसे कमज़ोर पड़ गए है हम
भाग तो रहे मगर
रेस के हारने का डर
लगा हुआ है क्यूंकि
हम तेज़ रफ्तार करते है
तो लगता रफ्तार बढ़ ही नहीं रही
जैसे असल दुनिया में नहीं बढ़ रही
लगता है ऐसा उसी खाब में
और चंद लम्हात में आँखें
खुल ही जाती है मेरी
जैसे असल दुनिया में
चंद लम्हात में बंद हो जाती है आँखें
ज़िन्दगी पूरी होते होते ही
पर यह एक सपना है
जो कह दिया सभी को
एक बार रात को
सोया हुआ था मैं
सोया हुआ था मैं |
मेरी कलम से...
सुहैल अनवर
https://iamsuhailanwar.wordpress.com
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